कई दिनों से चले आ रहे ओल्ड पेंशन योजना को दोबारा शुरू करने की मांग पर विचार करते हुए कई राज्यों में इस योजना को दोबारा शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। जैसा कि आप जानते हैं जितने भी सरकारी कर्मचारी हैं उन्हें अपनी सेवा से रिटायर होने के बाद पेंशन दिया जाता है ताकि वह अपनी नौकरी के बाद भी बिना किसी कठिनाई के अपना जीवन यापन कर सके।
समय-समय पर सरकार अपने द्वारा लाई गई योजनाओं में तथा सरकार द्वारा मिलने वाली सहूलियत में कई तरह के बदलाव आते रहते हैं।
इसी प्रकार इस पेंशन योजना में भी बदलाव किए गए थे। पहले लोगों को जिस योजना के अनुसार पेंशन मिलती थी उसमें बदलाव कर दिया गया।
यह बदलाव वर्ष 2004 में किया गया था। पहले सभी सरकारी कर्मचारी अपनी सेवा से निवृत्त होने के बाद भी अपना जीवन यापन आराम से कर पाते थे लेकिन नई पेंशन योजना के अनुसार जो राशि सरकारी कर्मचारियों को मिलती है उसमें वह मुश्किल से ही अपना गुजारा कर पाते हैं।
इन्हीं सब परेशानियों के कारण सभी कर्मचारियों की यह मांग है कि जो पुरानी पेंशन योजना थी, उसे ही वापस लाया जाए और जो भी सेवा से निवृत्त कर्मचारी हैं,
उन्हें उनकी पेंशन पहले वाली योजना के अनुसार ही दी जाए जो पहले मिला करती थी। जिससे कि वह अपने और अपने परिवार का भरण पोषण बिना किसी कठिनाई के कर सकें।
साल 2004 में आया था पेंशन योजना में बदलाव
साल 2004 में पुरानी पेंशन योजना में बदलाव किया गया था। इस बदलाव के अनुसार वे सभी सरकारी कर्मचारी जिनकी नियुक्ति 1 जनवरी 2004 से हुई थी उन सभी के लिए पेंशन योजना बदल दी गई थी। वे सभी पुरानी पेंशन योजना के लाभ से वंचित हो गए थे।
कर्मचारियों की जो अंतिम सैलरी होती थी, उन्हीं के अनुसार उनकी पेंशन की राशि भी तय होती थी। इसके अलावा वेतन आयोग से मिलने वाली फीडबैक भी काम आती थी।
सभी सरकारी कर्मचारियों के अनुसार पुरानी वेतन योजना ही सबसे अच्छी थी। अब देखने वाली बात यह है की ओल्ड पेंशन स्कीम शुरू होगा या नहीं?
क्या अंतर है पुरानी पेंशन और नई पेंशन योजना में?
कर्मचारियों की दृष्टिकोण से देखा जाए तो पुरानी पेंशन योजना नई पेंशन योजना के मुकाबले हर तरह से ज्यादा फायदेमंद थी।
पुरानी योजना में सभी कर्मचारियों को ज्यादा फायदे मिलते थे। इसी कारण सभी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को शुरू करने पर जोर दे रहे हैं।
चलिए विस्तार से जानते हैं कि आखिर क्या अंतर है पुरानी और नई पेंशन योजना में।
पुरानी पेंशन योजना
पुरानी पेंशन योजना के अनुसार कर्मचारियों की अंतिम आय जो भी होती थी। उसका 50% राशि कर्मचारियों को उनकी पेंशन के रूप में मिला करती थी।
जिसमें कर्मचारियों को किसी भी तरह का योगदान नहीं करना होता था। इसमें पूरे पैसे सरकार की तरफ से दिए जाते थे। इसलिए यह सवाल उठता है की राज्यों की वित्तीय हालत पर पुरानी पेंशन स्कीम से कितना असर पड़ेगा?
नई पेंशन योजना
अगर बात करें नई पेंशन योजना की तो इस योजना में कर्मचारियों को जो पेंशन मिलेगा उसमें 10% उनकी आय से भी काटा जाएगा और 14% सरकार द्वारा दिया जाएगा।
इस प्रकार कर्मचारी की आय से 10% और सरकार द्वारा 14% प्रतिशत इन दोनों की राशि पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण यानी कि पीआरडीए में जमा किया जाता है। साथ ही साथ इस पैसे पर कर्मचारी को टैक्स भी देना पड़ता है।
इस योजना के अनुसार आपको सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशन मिलेगी कि नहीं यह आप निश्चित रूप से नहीं कह सकते। ये जानकारी आपके लिए बहुत जरुरी है की पेंशनर्स घर बैठे ऑनलाइन जमा कर सकेंगे जीवन प्रमाण-पत्र।
कार्यरत होने के दौरान यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उनके परिवार को फैमिली पेंशन तो मिलती है लेकिन इस योजना में जो पैसे जमा होते हैं। सरकार उस पर अपना अधिकार कर लेती है।
इस तरह से अगर दोनों पहलुओं पर गौर किया जाए तो यही स्पष्ट होता है कि हर प्रकार से पुरानी पेंशन योजना ही सरकारी कर्मचारियों के हित में थी।
कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना शुरू
देश के सभी राज्यों में तो अभी पुरानी पेंशन योजना को शुरू नहीं किया गया है लेकिन इसकी शुरुआत कुछ राज्यों से हो गई है। कुछ राज्यों में सरकार ने पुरानी पेंशन योजना शुरू कर दी है।
झारखंड सरकार द्वारा झारखंड के सभी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को शुरू कर दिया गया है।
इसके अलावा और भी कई राज्यों जैसे कि पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी पुरानी पेंशन योजना को शुरू कर दिया गया है।
जिसे देखकर अब बाकी राज्य के सभी सरकारी कर्मचारी भी यही मांग कर रहे हैं।
पुरानी पेंशन योजना के लिए हो रहे प्रदर्शन
कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को वापस से शुरू कर दिया गया है। यह देखकर अब देश के बाकी राज्यों के सभी सरकारी कर्मचारी भी उसी पुराने पेंशन योजना की मांग कर रहे हैं।
जिस कारण वे सभी एकजुट होकर प्रदर्शन कर रहे हैं ताकि सरकार तक उनकी आवाज़ पहुंचे और वे इस दिशा में कोई कदम उठाएं।
कई जगह पर लोग धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं ताकि सरकार जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा कर दे और फिर से उनके लिए भी पुरानी पेंशन योजना शुरू कर दे।
वहीं जिन राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू कर दिया गया है वहां के सरकारी कर्मचारी काफी खुश है।
एक तरफ देखा जाए तो जिन राज्यों के सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को शुरू कर दिया गया है, वे लोग तो काफी खुश है और जिन राज्यों में अभी तक यह सुविधा शुरू नहीं की गई है, वहां के सरकारी कर्मचारी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं ताकि सरकार उन्हें भी पुरानी पेंशन योजना के अनुसार उनकी पेंशन दे।
लेकिन परेशानी की बात तो यह है कि पुरानी पेंशन योजना कुछ लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गई है।
जैसा कि हमने आपको बताया कि कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू किया गया है। इन राज्यों में एक राज्य राजस्थान भी है जहां पर राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा इस पेंशन योजना को दोबारा से शुरू कर दिया गया है।
अशोक गहलोत के इस फैसले से भारत के नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी जी काफी चिंतित नजर आ रहे हैं।
उनका मानना है कि यदि इस योजना को दोबारा शुरू किया गया तो इसके लिए पैसे केंद्र सरकार को देने होंगे और यदि केंद्र सरकार ने पैसे नहीं दिए तो राज्य सरकार भला किस तरह सभी कर्मचारियों को पैसे दे पाएगी।
ऐसी सूरत में सरकार के पास इस योजना को बंद करने के अलावा दूसरा कोई भी विकल्प नहीं बचेगा क्योंकि राज्य सरकार के पास इतना धन नहीं है कि वह सभी कर्मचारियों को पुरानी योजना के अनुसार पेंशन दे पाए।
यदि आर्थिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना शुरू होने के बाद सरकार के ऊपर हर साल 41 करोड़ का आर्थिक भार पड़ेगा जो काफी ज्यादा होगा।
अब देखना यह है कि सरकार अंत में इस योजना के बारे में क्या फैसला लेती है क्योंकि सरकारी कर्मचारी काफी लंबे समय से इस योजना को शुरू करने की मांग कर रहे थे और जब यह योजना सरकार द्वारा शुरू कर दी गई है तो क्या होगा जब सरकार इसे दुबारा बंद करने की सोचेगी या फिर इसे बंद करने का निर्णय लेगी।
इस खबर पर हमारी नजर लगातार बनी हुई है। इस बारे में छोटी सी छोटी जानकारी मिलते ही हम आपके साथ जरूर साझा करेंगे।
निष्कर्ष
आज के अपने इस अनुच्छेद में हमने आपको पुरानी पेंशन योजना से जुड़ी हुई कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां दी है।
साथ ही साथ आपको नई पेंशन योजना और पुरानी पेंशन योजना के बारे में भी बताया है।
अपना कीमती समय देकर हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद!