IAS Success Story: स्टेशन का कुली बन गया आईएएस ऑफिसर

अगर सच्ची लगन और मेहनत के साथ कोई भी काम किया जाए तो सफलता मिल जाती है। इसका एक जीता जागता उदाहरण मुन्नार के रहने वाले श्रीनाथ है। उन्होंने कुली का काम करके यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा पास की और आज आईएस है।

श्रीनाथ का जीवन बहुत ही मुश्किलों भरा था उनकी माली हालत भी उतनी अच्छी नहीं थी। वह स्टेशन पर कुली का काम करके पैसा कमाते थे वह रोज का 300 से 400 रुपए ही कमा पाते थे जो कि बहुत कम था। उन पैसों से उनके जरूरत पूरी नहीं हो पा रही थी।

अपनी कमाई को बढ़ाने के लिए उन्होंने दिन रात दोनों शिफ्ट में काम करना शुरू कर दिया इतनी मेहनत करने के बावजूद भी उनके परिवार की मूलभूत आवश्यकताएं भी उससे पूरी नहीं हो पा रही थी।

उनकी एक छोटी सी बेटी भी है जिसे वह अच्छी शिक्षा और अच्छे सुविधा देना चाहते थे और वह अपने परिवार की माली हालत भी सुधारना चाहते थे और इन सब के लिए उन्हें सिविल सेवा की पढ़ाई करना ही एकमात्र उपाय नजर आया और उन्होंने बिना रुके सिविल सेवा की पढ़ाई शुरू की और इसके फलस्वरूप आज वह अपने पद पर प्रतिष्ठित है।

श्रीनाथ को  सिविल सेवा की परीक्षा देने के लिए 4 बार एग्जाम अटेम्प्ट करना पड़ा, लेकिन फिर भी उन्होंने अपने मन को मजबूत रखकर के हर बार पूरी सच्ची निष्ठा और लगन के साथ पढ़ाई की और इसके साथ ही साथ उन्होंने अपना कुली का काम भी जारी रखा, 

जी हां आज हम अपने आर्टिकल के माध्यम से बात करेंगे, मुन्नार के श्रीनाथ के बारे में जिन्होंने केरल लोकसेवा परीक्षा पास करके अपने परिवार का और अपने गांव के लोगो का नाम रोशन किया है और आज की युवा पीढ़ी के लिए एक मिसाल बनें। जानिए कैसे श्रीनाथ ने यह कामयाबी हासिल की

सही सोच रखी

अक्सर लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए गलत काम की तरफ चले जाते हैं उन्हें लगता है कि गलत काम करके ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाया जा सकता है।

लेकिन केरल के श्रीनाथ ने इन सब बातों को ना सोचते हुए एक सही रास्ता अपनाया और आज देश के एक प्रतिष्ठित परीक्षा को पास करके अपना सही मुकाम बनाया जो कि देश के युवाओं के लिए एक मिसाल बन चुकी है।

उन्होंने बता दिया कि माली हालत कैसी भी हो कभी भी अपने लक्ष्य से हटना नहीं चाहिए। अपनी सोच को हमेशा सही रखना चाहिए।

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सीमित संसाधनों से की तैयारी

श्रीनाथ एक मध्यमवर्गीय परिवार से थे तो उनके माता-पिता उन्हें पढ़ने के सारे संसाधन जुटा पाने में असमर्थ थे बल्कि वह काम करके अपने माता पिता और परिवार का पालन पोषण कर रहे थे।

पढ़ने की इच्छा श्रीनाथ को बचपन से ही थी। लेकिन घर की माली हालत इतनी खराब थी कि उन्होंने अपने माता-पिता से इस इच्छा को जाहिर नहीं किया और केरल के एक स्टेशन में कुली का काम शुरू कर दिया।

अपना काम पूरी निष्ठा के साथ करते हुए वह कुछ ही दिनों बाद एक अधिकृत कुली बन गए।

उनके पास ट्यूशन पढ़ने या किताबें खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। जब स्टेशनों में फ्री वाई-फाई की सुविधा शुरू की गई तब श्रीनाथ की महत्वाकांक्षाओं को पंख लग गए और वहीं से शुरू हुई उनकी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी

श्रीनाथ अपने काम को जितने मन लगाकर करते थे वह उतना ही मन लगाकर के ऑनलाइन लेक्चर भी सुनते थे।

वह जानते थे कि उनका परिवार इतना सक्षम नहीं है कि उन्हें नई किताबें और कोचिंग क्लासेस जॉइन करवा दें इसीलिए उन्होंने स्टेशन पर दिए जाने वाले मुफ्त वाईफाई का लाभ उठाया और अपनी सारी परीक्षाओं की तैयारी पूरे जोर-शोर से शुरू की

जब सामान उठाने का काम नहीं करते थे तो वह वीडियो देख कर पढ़ाई किया करते थे जब ट्रेन आने का समय होता था तो वह सामान उठाने के साथ-साथ ईयर फोन लगाकर के लेक्चर सुना करते थे।

इसके अलावा जब ट्रेन देरी से आती थी जो वह वीडियो देखकर के पढ़ाई किया करते थे। इसके साथ-साथ बहुत सारी पीडीएफ और अपने पढ़ाई से जुड़ी जानकारियां जुटाने का कार्य श्रीनाथ ऑनलाइन मोबाइल के माध्यम से करते थे।

वह अपने सारे पाठ ध्यान से सुना करते थे। बहुत कम संसाधनों में उन्होंने अपने लक्ष्य को पा लिया।

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यूपीएससी यात्रा

अपना दृढ़ निश्चय अभ्यास और धैर्य के साथ श्रीनाथ ने केरल लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी जिसमें वह पास नहीं हो सकें l श्रीनाथ शुरू से बस एक ऐसी नौकरी की इच्छा कर रहे थे जिससे उनके परिवार का जीवन यापन बहुत अच्छी तरह से हो जाए, उनकी एक बेटी भी है वह चाहते थे कि उसकी पढ़ाई लिखाई अच्छे से हो और वह अपने परिवार और अपनी बेटी को वह सारी सुविधाएं दे पाए जो उन्हें मिलनी चाहिए।

तीसरी बार यूपीएससी की परीक्षा में पास नहीं होने पर वह टूटे नहीं बल्कि उन्होंने यह निश्चय किया कि जब तक परीक्षा में पास नहीं होंगे तब तक वह परीक्षा देते रहेंगे।

उनका यही दृश्य निश्चय सफल हुआ और चौथी बार उन्होंने बहुत अच्छे नंबरों से अपनी परीक्षा पास की।

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श्रीनाथ के जीवन से सीखने योग्य कुछ बातें

कभी भी अपनी परिस्थितियों से घबराना नहीं चाहिए। परिस्थितियों में बदलाव लाने की कोशिश करनी चाहिए।

अगर आप विद्यार्थी हैं तो आप किसी भी परिस्थिति में सिर्फ पढ़ाई को ही प्राथमिकता देंगे ना कि और चीजों को।

परीक्षा पास करने के लिए केवल कोचिंग क्लास ले लेना और बड़े-बड़े किताब खरीद लेना यह जरूरी नहीं है।

सही तरीके से और पूरी निष्ठा एवं सच्चाई के साथ पढ़ाई करना और सफलता को प्राप्त करना।

समय का सही सदुपयोग करना, टालमटोल करने वाले कभी पढ़ाई नहीं कर पाएंगे।

अगर आप सही से पढ़ाई कर रहे हैं तो अपने ऊपर विश्वास रखें सफलता आपको जरूर मिलेगी श्रीनाथ ने चौथी बार में यूपीएससी की परीक्षा पास की।

स्मार्टफोन से केवल नुक्सान ही नहीं होता, अगर वह सही हाथों में है तो उससे लाभ उठाया जा सकता है।

स्मार्टफोन के जरिए अभी ऑनलाइन सारे विद्यार्थी अपने विषय को पढ़ सकते हैं। फाइलें, पीडीएफ और बहुत सारे अन्य जानकारियां ऑनलाइन के माध्यम से आसानी से विद्यार्थियों को मिल जाती है, जिसका लाभ उठाना चाहिए।

जिस विषय में आपको रुचि है और जो विषय आपके लिए सही हैं उसी का चुनाव करना चाहिए ताकि आपको सफलता अतिशीघ्र मिले।

परीक्षा के समय सारी परिस्थितियों का परिपक्वता के साथ सामना करना चाहिए।

सफलता के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। अपने कर्तव्य के प्रति ईमानदारी बरतें।

निष्कर्ष

आज हमने अपने आर्टिकल के माध्यम से आपको एक सक्सेस स्टोरी के बारे में बताया है । जो केरल के निवासी श्रीनाथ जी की है। हमने इस आर्टिकल के माध्यम से आजकल के युवाओं को यह जानकारी दी है कि कैसे कम संसाधनों में और विकट परिस्थितियों में भी अगर कोई चाहे तो वह आईएस के पद को भी प्राप्त कर सकता है।

भारतीय प्रशासनिक सेवा अंतर्गत अभ्यर्थियों का चयन यूपीएससी परीक्षा के द्वारा किया जाता है। जिसे हिंदी में संघ लोक सेवा आयोग कहते हैं।

यूपीएससी परीक्षा भारत का सबसे बड़ा परीक्षा माना जाता है। श्रीनाथ ने कुली का काम करते हुए भी इस परीक्षा में सफलता हासिल करके दिखाया। 

यह अपने आप में ही बहुत बड़ी बात है, तो हम आशा करते हैं कि आपको हमारा आज का आर्टिकल पसंद आया होगा। हमारे आर्टिकल से जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद।

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