CTET-BTET: शिक्षक बहाली के लिए CTET-BTET अभ्यर्थियों का हुजूम पहुंच गया डाकबंगला चौराहा

CTET-BTET: शिक्षक बहाली के लिए CTET-BTET अभ्यर्थियों का हुजूम पहुंच गया डाकबंगला चौराहा, कई सड़कें जाम

2019 में बिहार सरकार के द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया गया था। इस परीक्षा में 30 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने आवेदन किया था और 80 हजार से अधिक विद्यार्थी क्वालीफाई हुए थे।

मगर मेरिट लिस्ट में आए हुए विद्यार्थियों की भी बहाली नहीं हुई है जिसको लेकर पटना में अभ्यर्थियों ने जमकर आंदोलन किया है।

पटना के डाकबंगला चौक पर सीटेट की परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों ने जमकर नारेबाजी की है।

उनकी मांग है कि सरकार सीटेट की परीक्षा में पास हुए विद्यार्थियों को नौकरी दे।

इस आंदोलन से अभ्यर्थी सातवें चरण के बहाली की मांग कर रहे है। अगर आप बिहार के नागरिक है और सीटेट की परीक्षा के अभ्यर्थी रह चुके हैं

तो आपको भी इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी होनी चाहिए जिसे नीचे समझाया गया है।

शिक्षक बहाली के लिए आंदोलन

हर साल में शिक्षक की नौकरी के लिए बिहार सरकार द्वारा सीटेट की परीक्षा का आयोजन करवाया जाता है।

शिक्षक पात्रता परीक्षा को पास करने वाले सभी विद्यार्थियों को सरकारी शिक्षक बनने का मौका मिलता है।

मगर विद्यार्थियों का कहना है कि 80000 से अधिक विद्यार्थियों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा को पास किया है

जिसमें से 30 हजार से अधिक विद्यार्थी मेरिट लिस्ट में आते हैं मगर इसके बावजूद उनका बहाली को रोक दिया गया है।

शुक्रवार को पटना के डाकबंगला चौक पर नौजवानों ने बिहार सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है।

वह राजभवन तक जाना चाहते थे मगर पुलिस ने उन्हें रास्ते में धर दबोचा और ज्यादा हुड़दंग मचाने पर खदेड़ दिया गया।

घंटों तक डाक बंगला चौक पर जमकर नारेबाजी की गई जिस वजह से यात्रियों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ा।

सीटेट की परीक्षा पास करने वाले सभी अभ्यर्थी क्वालीफाई हुए सभी अभ्यर्थियों को शिक्षक की नौकरी देने की मांग कर रहे हैं।

उनका कहना है कि बिहार के बहुत सारे सरकारी स्कूलों में शिक्षक नहीं है और 80 हजार से अधिक लोग सीटेट की परीक्षा पास करके शिक्षक बनने का इंतजार कर रहे हैं तो सरकार उन्हें नौकरी नहीं दे रही है।

उनका कहना है कि वह मेरिट लिस्ट में आ चुके हैं मगर उन्हें बैठा कर रखा गया है।

अभ्यर्थियों के द्वारा सरकार से सवाल पूछा जा रहा है और बिहार सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की जा रही है।

अब तक बिहार सरकार के तरफ से इस विरोध के लिए किसी भी प्रकार का बड़ा ऐलान सुनने को नहीं मिला है।

2019 में हुए थे विद्यार्थी क्वालिफाइड

आपको बता दें कि बिहार सरकार के द्वारा हर साल शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन करवाया जाता है।

जिस रिजल्ट के नाम पर विद्यार्थी पटना में आंदोलन कर रहे हैं इस टेट परीक्षा का रिजल्ट 2019 में जारी किया गया था।

उनका कहना है कि 2019 की शिक्षक पात्रता परीक्षा में 80402 अभ्यर्थी पास हुए थे। इसमें से 30665 विद्यार्थी मेरिट लिस्ट में आते हैं।

मगर इतने लंबे समय तक इंतजार करने के बावजूद सातवें चरण के शिक्षक बहाली अब तक नहीं हुई है।

विद्यार्थियों ने जमकर नारेबाजी की है और बिहार सरकार से शिक्षक की नौकरी को लेकर सवाल पूछे है।

हालांकि विरोध ज्यादा बढ़ने पर पुलिस ने सभी विद्यार्थियों को बलपूर्वक खदेड़ दिया है।

विद्यार्थियों का अंत में यही कहना है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से लें और बिहार में शिक्षक की नौकरी के बहाली जल्द से जल्द शुरू करें।

विद्यार्थियों ने बिहार के शिक्षा मंत्री से कहा है कि वह इस पूरे मामले को गंभीरता से लें और अपनी कही हुई बात पर अमल करें।

निष्कर्ष

आज इस लेख में हमने आपको पटना में हुई नारेबाजी के बारे में जानकारी दी है हमने आपको सरल शब्दों में समझाने का प्रयास किया है कि बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए किस प्रकार मेरिट लिस्ट में आए हुए विद्यार्थियों ने जमकर आंदोलन चलाया है।

अगर हमारे द्वारा साझा की गई जानकारियों को पढ़ने के बाद आप बिहार की शिक्षक बहाली के बारे में अच्छे से समझ पाए हैं तो इसे अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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