स्वागत है आप सभी का आज के हमारे इस लेख में, आज मैं आप सभी को आरबीआई के द्वारा जारी किए गए नए गाइडलाइंस के बारे में बताने वाला हूं।
आप सभी को बता दें कि जो लोग लोन लेते हैं और समय से लोन नहीं भर पाते हैं उन सभी के लिए आरबीआई की तरफ से बहुत ही राहत भरी खबर सुनने को मिली है।
जो लोग लोन लेते हैं और समय से अपने लोन की किस्त जमा नहीं कर पाते हैं उन सभी के लिए यह खबर बहुत ही जरूरी है। आप सभी को इस खबर के बारे में पता होना बहुत ही आवश्यक है।
बात यह है कि आरबीआई के द्वारा सभी बैंकों के लिए गाइडलाइन जारी किया गया है। जिसके तहत लोन नहीं भरने वालों को 5 तरह का अधिकार दिया गया है इसके बारे में आपको पता होना बहुत ही जरूरी है।
यदि आपने भी बैंक से लोन ले रखा है और आप समय से लोन की किस्त नहीं चूका पा रहें हैं और आपको बैंक के रिकवरी एजेंट से डर लग रहा है तो इस खबर को अंत तक जरूर पढ़ें।
आज के हमारे इस लेख में हम आप सभी को आरबीआई के द्वारा जारी किए गए गाइडलाइंस के बारे में बताने वाले हैं। जिसे जानने के बाद आप अपना अधिकार जान पाएंगे।
आरबीआई के द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइन्स क्या है?
अक्सर लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन लेते हैं और फिर लोन के पैसों से अपनी जरूरतों को पूरा करते हैं।
लेकिन लोन लेने के बाद कई बार ऐसा होता है कि लोग लोन तो ले लेते हैं लेकिन कुछ मजबूरी के कारण लोन नहीं चुका पाते हैं।
कभी-कभी लोग कुछ ऐसी परिस्थितियों से भी गुजरते हैं जिससे कि लोगों को लोन चुकाना बहुत ही कठिन हो जाता है।
ऐसे में लोन लेने वालों के पास रखे गए गिरवी चीजों को खोना पड़ जाता है क्योंकि जब कभी भी इस तरह की परिस्थितियां सामने आती है
तो बैंक के पास यह अधिकार होता है कि वह गिरवी रखे गए ऐसेट को कानूनी तौर पर जब्त करके और फिर उसकी नीलामी करके अपना पैसा निकाल सकते हैं।
लेकिन इस परिस्थिति में बहुत से लोगों को यह डर होता है कि अगर वह लोन नहीं चुका पाता है तो फिर कहीं रिकवरी एजेंट उनके घर पर आकर तोड़फोड़ ना करें और उनके साथ बदसलूकी ना करें।
बहुत से लोगों को यह डर होता है कि कहीं वह लोन नहीं चुका पाता है तो फिर रिकवरी एजेंट उसके साथ भरे चौराहे में बदसलूकी ना कर दे। जिससे कि उसकी जो इज्जत गांव समाज में है वह खराब ना हो जाए।
यदि आप भी कुछ ऐसी ही परिस्थितियों से गुजर रहे हैं और आपके मन में भी इस तरह का भय आ रहा है तो फिर आपको अपनी कुछ मानवीय अधिकारों के बारे में पता होना बहुत जरूरी है।
आप सभी को बता दें कि यदि आप लोन की किस्त चुका नहीं पाते हैं और बैंक अगर आपको डिफाल्टर घोषित कर देता है तो भी रिकवरी एजेंट आपके साथ बदसूलुकी नहीं कर सकता है, क्योंकि लोन डिफॉल्ट होना सिविल मामला है, अपराधी केस नहीं है।
अगर आप लोन भी 30 दिन में नहीं चूका पाते हैं और बैंक आपको डिफॉल्टर घोषित कर देता है और उसके बाद भी बैंक रिकवरी एजेंट आप से बदसलूकी करता है तो फिर आप उसकी शिकायत कर सकते हैं।
रिकवरी एजेंट की बदसलूकी पर यहां करें शिकायत
यदि कोई बैंक किसी को कर्ज यानी कि लोन देता है और वह लोन नहीं जमा करता है तो बैंक उस स्थिति में रिकवरी एजेंट की सेवाएं अपना लोन वसूलने के लिए ले सकते हैं।
लेकिन कोई भी रिकवरी एजेंट लोन की रिकवरी करने के लिए अपनी मनमानी नहीं कर सकता है। वह किसी भी ग्राहक के साथ बुरा व्यवहार नहीं कर सकता है।
रिकवरी एजेंट बैंक के ग्राहक को सिर्फ लोन जमा करने के लिए कह सकता है। रिकवरी एजेंट के पास ग्राहक को धमकाने का या उसके साथ बदसलूकी करने का किसी भी तरह का अधिकार नहीं होता है।
रिकवरी एजेंट लोन की राशि रिकवर करने के लिए किसी भी ग्राहक के घर सुबह 7:00 बजे से लेकर शाम 7:00 बजे के बीच जा सकता है।
यदि कोई भी रिकवरी एजेंट किसी भी ग्राहक के साथ बदसलूकी करता है या अनुचित समय पर ग्राहक को परेशान करता है तो ग्राहक इसकी शिकायत बैंक में कर सकते हैं।
अगर आप बैंक पर शिकायत करते हैं और बैंक उस पर कोई भी एक्शन नहीं लेता है तो फिर आप बैंकिंग ओंबड्समैन का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
बैंक को नोटिस भेजना जरूरी है
आप सभी को बता दें कि अगर आप लोन लेते हैं और गिरवी में किसी भी तरह का ऐसेट रखते हैं तो बैंक उसे यूं ही नहीं अपने कब्जे में ले सकता है।
जब उधार लेने वाला 90 दिनों तक लोन की किस्त नहीं चुकाता है तब खाते को नन परफॉर्मिंग ऐसेट में डाला जाता है और इस स्थिति में कर्ज देने वाले को डिफॉल्टर को 60 दिन का नोटिस जारी करना पड़ता है।
अगर 60 दिन के नोटिस के बाद भी डिफॉल्टर लोन जमा नहीं करता है तब जाकर बैंक एसेट की नीलामी के लिए आगे की कार्रवाई कर सकते हैं।
नीलामी करने के लिए भी बैंक को और 30 दिन का पब्लिक नोटिस जारी करना पड़ता है।
नीलामी के दाम को दे सकते हैं चुनौती
ऐसेट की नीलामी से पहले बैंक को या फिर आपने जिस संस्था से लोन लिया है उसे ऐसेट का उचित मूल्य बताते हुए नोटिस जारी करना पड़ता है।
नोटिस में रिजर्व प्राइस, नीलामी की तारीख और नीलामी के समय क्या है इसके बारे में बताना होता है।
यदि कर्ज लेने वाले को लगता है कि ऐसेट का दाम कम रखा गया है तो वह नीलामी को चुनौती दे सकता है।
अगर आप अपने एसेट की नीलामी को रोक नहीं पाते हैं तो फिर आप नीलामी पर नजर रखें क्योंकि लोन की वसूली के ऊपर जितना भी रकम नीलामी से आता है
उसे लेने का अधिकार कर्ज लेने वाले के पास होता है। बैंक को बाकी बची हुई रकम कर्जदार को लौटाना पड़ता है।
निष्कर्ष
आज के हमारे इस लेख में हमने आप सभी को आरबीआई के द्वारा जारी किए गए नए गाइडलाइन्स के बारे में जानकारी प्रदान की है। यदि आपने किसी भी बैंक से लोन ले रखा है तो यह खबर आपके लिए बहुत ही काम की है।
यदि आपने अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए लोन लिया है लेकिन किसी परिस्थिति के कारण आप लोन नहीं चुका पा रहे हैं और इसलिए आप डर रहे हैं तो फिर आपको डरने की कोई जरूरत नहीं है।
यदि आप किसी परिस्थिति के कारण लोन नहीं चुका पा रहे हैं तो फिर आप को डरने की जरूरत नहीं है। क्योंकि आरबीआई के द्वारा जारी किए गए नए गाइडलाइन्स के अनुसार कोई भी रिकवरी एजेंट आपके साथ बदसलूकी नहीं कर सकता है।