केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग से संबंधित इन दिनों एक अत्यंत आवश्यक खबर निकल कर के आ रही है।
इसके अतिरिक्त उनके बकाया डीए एरिया से संबंधित खबरें भी उन्हें प्रसन्न कर रही है।
आज के इस पोस्ट में हम सभी लोग सातवें वेतन आयोग से संबंधित सारी आवश्यक जानकारियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा करेंगे।
इसके अतिरिक्त इस से संबंधित और कौन-कौन सी आवश्यक जानकारियां हैं? इस पर भी हम विचार विमर्श करेंगे।
केंद्रीय कर्मचारियों को उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाएं तो वैसे तो बहुत सारी है। किंतु इन सभी में सातवां वेतन आयोग एक अलग ही ओदे पर विद्यमान है।
सातवां वेतन आयोग कब स्थापित हुआ?
यदि आप में से कोई भी व्यक्ति इसी प्रकार के किसी भी पद पर कार्यरत है, तो फिर आपको इस विषय में जानकर के अत्यधिक प्रसन्नता होगी कि केंद्र सरकार की ओर से एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई है।
इसके मुताबिक 1 साल में डीए का बकाया केंद्रीय कर्मचारियों के खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। इसके साथ ही साथ महंगाई भत्ते में 4% तक की वृद्धि की जाएगी।
यदि केंद्रीय कर्मचारियों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ते में 4% की वृद्धि हो जाएगी, तो इसके परिणाम स्वरूप उन्हें 46% तक का महंगाई भत्ता प्राप्त होगा।
कब कब परिवर्तित होता है महंगाई भत्ता?
केंद्रीय कर्मचारियों को जो महंगाई भत्ता उपलब्ध कराया जाता है, उसमें परिवर्तन होता रहता है।
आपकी जानकारी हेतु हम आपको इस बात से अवगत करवा दें कि केंद्रीय कर्मचारियों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ते में साल में दो बार परिवर्तन होता है।
प्रथम परिवर्तन जनवरी के महीने में होता है। वही दूसरा परिवर्तन जुलाई के महीने में होता है। इसके परिणाम स्वरूप केंद्रीय कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन में भी परिवर्तन होता है।
केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता सरकार एक महत्वपूर्ण उद्देश्य के चलते प्रदान करती हैं।
सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को बढ़ रही महंगाई के प्रकोप से बचाना चाहती है। इस वजह से उन्हें महंगाई के अनुरूप की महंगाई भत्ता उपलब्ध कराया जाता है।
फिटमेंट फैक्टर क्या है?
केंद्रीय कर्मचारियों को जो महंगाई भत्ता प्राप्त होता है, उसमें फिटमेंट फैक्टर का एक महत्वपूर्ण योगदान होता है।
आपकी जानकारी हेतु हम आप को इस बात से अवगत करवा दे कि फिटमेंट फैक्टर एक सिफारिश होती है।
इसमें केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में कितना परिवर्तन करना चाहिए इत्यादि से संबंधित रिपोर्ट होती है। जिसे प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है।
फिटमेंट फैक्टर अर्थात इस तैयार की गई सिफारिश की मंजूरी के पश्चात ही केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि संभव हो पाती है।
प्रत्येक केंद्रीय कर्मचारी के लिए फिटमेंट फैक्टर एक अत्यधिक आवश्यक कारक है।
केंद्रीय कर्मचारियों को दिए जाने वाला वेतन
डीएमएलडी के परिणाम स्वरुप सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के मुताबिक हाउस रेंट अलाउंस अर्थात H.R.A. में समायोजित कर दिया गया।
अपने अपेक्षित वेतन पैकेज की गणना करने के लिए सर्वप्रथम दिए, एचआरए तथा बीए के विषय में जानकारी प्राप्त की जाती है।
इन सभी के समायोजन से ही केंद्रीय कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन का पता लगाया जा सकता है।
वैसे जो भी केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के साथ न्यूनतम सैलरी ₹18000 की दी जा रही है।
सातवें वेतन आयोग आने के पश्चात वेतन गणना कैसे होती है?
आपकी जानकारी हेतु हम आप को इस बात से अवगत करवा दे कि सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन की गणना में सर्वप्रथम तो कार्य के स्वरूप में वेतन मैट्रिक्स स्तर पर मूल वेतन का उपयोग करना संबंधित है।
भारत सरकार ने कर्मचारियों के मासिक सकल वेतन में मूल वेतन महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता तथा परिवहन भत्ता अन्य पात्र और प्रोत्साहन भी सम्मिलित किया है।
ऐसे में सरलता पूर्वक सातवें वेतन आयोग के आने के पश्चात केंद्रीय कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन की गणना की जा सकती है।
वर्तमान दर क्या है?
यदि आप इस विषय में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं कि सभी कर्मचारियों के लिए H.R.A. की वर्तमान दर क्या है?
तो हम आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के हाउस रेंट अलाउंस की संशोधन दर क्रमशः X, Y, तथा Z श्रेणी के शहरों के लिए मूल वेतन का 27% 18% तथा 9% है।
केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए परिवहन भत्ता की वर्तमान दर टीपीटीए शहर के लिए ₹1350 (1350 का 42%) तथा अन्य स्थानों के लिए ₹900 (900 कमलेश 42%) है।
आठवां वेतन आयोग कब जारी होगा?
वर्तमान में तो सातवां वेतन आयोग चल रहा है। किंतु यदि बात की जाए 8वें वेतन आयोग की तो इसे अभी जारी नहीं किया गया है।
साल 2024 में 8वें वेतन आयोग से संबंधित प्रारूप तैयार किया जाएगा। तत्पश्चात प्रशासन इसे लोगों के समक्ष प्रस्तुत करेगी।
फिर जाकर के जब सब कुछ सही होगा, तब ही 8वें वेतन आयोग को लागू किया जाएगा।
हमारे देश भारत में पहले वेतन आयोग का गठन जनवरी, 1946 में श्रीनिवास वरादाचरियर की अध्यक्षता में किया गया था।
देश में वेतन आयोग का गठन हर 10 साल के अंतराल में सरकार कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के लिए करती है।
वेतनामा के बारे में जाने
आपकी जानकारी हेतु हम आप को इस बात से अवगत करवा दें कि पे लेवल 1 वेतनामा के लिए बनाई गई संरचना ₹18000 से शुरू होती है। वही ₹56900 में समाप्त होती है।
तत्पश्चात यदि बात की जाए पे लेवल 2 के लिए तो उनके लिए वेतन संरचना ₹19900 से प्रारंभ होती है और ₹63200 पर समाप्त हो जाती है।
पे लेवल 3 के लिए वेतनामा संरचना ₹21700 से प्रारंभ होती है और इसकी समाप्ति ₹69100 पर हो जाती है।
अब आपको निश्चित रूप से ही वेतनामा के विषय में अनुमान लग गया होगा कि किस प्रकार से सैलरी उपलब्ध कराई जाती है?
निष्कर्ष
आज के इस पोस्ट में हमने आप सभी लोगों के समक्ष सातवें वेतन आयोग से संबंधित काफी सारी आवश्यक जानकारियां उल्लेखित कर दी है।
इसके अतिरिक्त 8वें वेतन आयोग को जारी किए जाने से संबंधित भी सारी आवश्यक जानकारियां इस पोस्ट में उपलब्ध करवाई गई है।
Good. Nice Informative.
Mohan Gupta