EPS पेंशन: कर्मचारी पेंशन योजना (Employee Pension Scheme) के कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सुखद खबर मिल सकती है, क्योंकि इसके परिणामस्वरूप कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में योगदान करने वाले लाखों कर्मचारियों की EPS पेंशन (Pension Fund) में 300% तक वृद्धि हो सकती है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारियों की पेंशन के लिए अधिकतम वेतन को 15 हजार रुपये (मूल वेतन) तय किया है। इसका मतलब है कि यदि आपकी मासिक सैलरी 15,000 रुपये से अधिक है, तो भी आपकी पेंशन की गणना आधिकारिक रूप से मात्र 15,000 रुपये के मूल वेतन पर ही की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट अब EPS पेंशन (Pension Fund) की सैलरी सीमा को समाप्त कर सकता है। इस मामले पर विचाराधीनी प्रक्रिया चल रही है और सुनवाई जारी है। कर्मचारियों की पेंशन (Employee Pension Scheme) की गणना अंतिम वेतन, यानी उनकी आखिरी सैलरी या वेतन ब्रैकेट पर भी की जा सकती है। यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के परिणामस्वरूप हो सकता है, जिससे कर्मचारियों को अधिक पेंशन मिल सकती है।
कर्मचारी पेंशन योजना (Employee Pension Scheme) के तहत पेंशन प्राप्त करने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में कम से कम 10 साल तक योगदान करना आवश्यक है। केवल तब ही कर्मचारी को पेंशन की सुविधा मिलेगी जब वह योगदान की नियमों को पूरा करता है और अपने कर्मचारी पेंशन योजना के लिए पात्र होता है।
अगर सुप्रीम कोर्ट EPS पेंशन (Pension Fund) की लिमिट हटाने का फैसला करता है और यह पेंशन अंतिम वेतन ब्रैकेट पर भी गणना की जा सकती है, तो इससे कई कर्मचारियों को बड़ा फायदा हो सकता है।
EPS पेंशन Scheme में कैसे बढ़ेगी आपकी पेंशन, जानिए- यहां
वर्तमान में, यदि कोई कर्मचारी 15,000 रुपये से अधिक महीने की आधारिक वेतन पर काम कर रहा है, तो उसकी EPS पेंशन की गणना केवल 15,000 रुपये पर होती है। अगर सुप्रीम कोर्ट की ओर से यह निर्णय आता है कि इस लिमिट को हटाकर पेंशन की गणना अंतिम वेतन ब्रैकेट पर की जाए, तो यह उन कर्मचारियों को बेहतर पेंशन का लाभ देगा जिनकी मासिक आधारिक वेतन 15,000 रुपये से अधिक है।
इससे कर्मचारी को उनकी अंतिम सैलरी के हिसाब से ज्यादा पेंशन मिल सकती है, और उन्हें अपने पेंशन के बारे में ज्यादा उम्मीद हो सकती है।
ध्यान दें कि यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की ओर से आने वाला है और इसके फायदे या प्रभाव का मूल्यांकन केवल उसके बाद हो सकेगा।
EPS Pension Fund Scheme Latest Update :
हम देखते हैं कि कैसे नवीनतम निर्णय कार्मिक पेंशन स्कीम (EPS) को कैसे प्रभावित कर सकता है:
- पुराना निर्णय (वर्तमान): विभिन्न कर्मचारियों की
- पेंशन EPS स्कीम के तहत उनके अंतिम वेतन या
- उच्च वेतन ब्रैकेट के हिसाब से गणना की जाती है,
- जिससे उनकी पेंशन की राशि मिलती है।
- नया निर्णय (संभावित अपडेट): सुप्रीम कोर्ट का नया
- निर्णय आ सकता है, जिसके तहत EPS पेंशन की गणना
- अंतिम वेतन के बजाय उच्च वेतन ब्रैकेट के हिसाब से की
- जा सकती है। इससे, कुछ कर्मचारी ज्यादा पेंशन प्राप्त कर
- सकते हैं, क्योंकि उनकी गणना उनके उच्च वेतन पर की जाएगी।
यह नया निर्णय कर्मचारियों को अधिक पेंशन की आशा दिला सकता है, खासकर जिन्होंने अपने कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में अधिक साल तक योगदान किया है।
कृपया ध्यान दें कि यह संभावित अपडेट है और इसका अंतिम निर्णय सुप्रीम कोर्ट के पास है।
EPS पेंशन में 300% की वृद्धि कैसे होगी, इसे निम्नलिखित तरीके से समझाया जा सकता है:
- मौजूदा प्रावधान: आपके द्वारा प्राप्त की जाने वाली
- पेंशन की गणना मौजूदा नियमों के तहत की जाती है,
- जिसमें आपके आखिरी बेसिक सैलरी के 15,000 रुपये
- पर ही की जाती है।
- उदाहरण: जैसा कि आपने कहा कि आपकी नौकरी 33 साल
- है और आखिरी बेसिक सैलरी 50,000 रुपये है। अगर EPS
- की सीमा हटाई जाती है, तो आपकी पेंशन की गणना अब
- आपके आखिरी बेसिक सैलरी के हिसाब से की जाएगी।
- पेंशन की नई गणना: नई गणना के अनुसार, आपके 33
- साल की सेवा के बाद, आपकी पेंशन की गणना
- निम्नलिखित रूप में की जा सकती है:(33 साल + 2 साल वेतन वेटेज) / 70 x 50,000 = 25,000 रुपये
इसलिए, अगर EPS पेंशन की सीमा हटाई जाती है, तो आपको मौजूदा पेंशन की तुलना में 25,000 रुपये की पेंशन मिलेगी, जो कि 7,500 रुपये की पेंशन की तुलना में अधिक है। यही कारण है कि कर्मचारी पेंशन योजना के कर्मचारियों के लिए यह सुनहरा समाचार हो सकता है क्योंकि उन्हें अधिक पेंशन की आशा है।
कृपया ध्यान दें कि यह सिर्फ उपयुक्त उदाहरण है और अगर EPS पेंशन में कोई परिवर्तन होता है, तो आपको आधिकारिक स्रोतों से जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
Employee Pension Scheme में क्या है पूरा मामला
- कर्मचारी पेंशन संशोधन योजना, 2014 को केंद्र सरकार
- ने 1 सितंबर 2014 को जारी किया था। इस योजना को
- निजी क्षेत्र के कर्मचारियों ने विरोध किया था और साल
- 2018 में केरल के उच्च न्यायालय में इसके खिलाफ सुनवाई हुई थी।
- कर्मचारी ने कहा कि ईपीएफओ के नियमों के तहत
- यह सुनिश्चित करता है कि उन्हें कम पेंशन मिलेगा,
- क्योंकि पेंशन की गणना अधिकतम वेतन 15,000
- रुपये पर ही की जाती है, भले ही उनकी वेतन 15,000 से अधिक हो।
- यह संशोधन कर्मचारी पेंशन योजना (Employee Pension
- Scheme) और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 की
- सुविधाओं से विमुक्त होने का प्रयास कर रहे थे।
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