BPSC : बिहार लोक सेवा आयोग ने हाल ही में वर्ग 6 से 8 तक के शिक्षक पदों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक और प्रशिक्षणिक योग्यता में संशोधन किया है।
अब, वर्ग 6-8 के शिक्षक पदों के लिए, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने नए निर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार, शिक्षकों को मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री और प्रारम्भिक शिक्षा में द्विवर्षीय डिप्लोमा (जिसे जो भी नाम से जाना जाए) होना चाहिए।
BPSC: इसके साथ ही, इन आवश्यक शैक्षिक योग्यताओं के लिए कम से कम 50% अंकों के साथ स्नातक या स्नातकोत्तर डिग्री और बी.एड. डिग्री धारी भी आवेदन कर सकते हैं।
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- अथवा, एक वर्षीय स्नातक (बी.एड.) में 45% अंकों के साथ स्नातक एवं शिक्षा शास्त्र में एडमिशन होना आवश्यक है।
- इस पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् के निर्धारित मानकों के अनुसार पूरा किया जाना चाहिए।
- योग्यता मानदंडों के अनुसार, आवेदनकर्ताओं को समय-समय पर आयोजित परीक्षा में सफलता प्राप्त करनी चाहिए।
- अभ्यर्थी को संबंधित क्रियाविधि विनियमों का पालन करके अपना पंजीकरण करवाना होगा।
- स्नातक एवं शिक्षा शास्त्र में मान्यता प्राप्त करने पर ही उपाधित हो सकता है।
अथवा,
- उच्चतम 50% अंकों के साथ स्नातक (बी०एल०एड०) व चार वर्षीय प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में से प्राप्त करें।
- आवेदक को उच्चतर माध्यमिक या समकक्ष में 50% अंकों की आवश्यकता है।
- प्रवेश के लिए स्नातक की डिग्री या समकक्ष योग्यता आवश्यक है।
या
- स्नातक में 50% अंकों के साथ बी.एड. (विशेष शिक्षा) या एक वर्षीय बी.एड.
- स्नातकोत्तर में 55% अंकों या उसके समका ग्रेड के साथ एमएड और तीन वर्षीय एकीकृत बीएड।
- पात्रता के लिए अंकों की न्यूनतम आवश्यकता स्नातक और स्नातकोत्तर के पाठ्यक्रमों के अनुसार है।
अथवा,
- स्नातक के लिए, न्यूनतम 50% अंक आवश्यक हैं तथा एक वर्षीय बी.एड. (विशेष शिक्षा) के लिए भी।
- स्नातकोत्तर के लिए, न्यूनतम 55% अंक या समका ग्रेड होना चाहिए।
- तीन वर्षीय एकीकृत बीएड और एमएड के लिए भी यही मानक है।
- एकीकृत बीएड और एमएड में, न्यूनतम 55% अंकों की आवश्यकता है।
- स्नातक और एक वर्षीय बी.एड. में 50% अंक या उससे अधिक होने चाहिए।
- स्नातकोत्तर और एमएड में, 55% अंक या समका ग्रेड होना आवश्यक है।
अथवा
- बी.सी.ए. या प्रारंभिक शिक्षा में 50% अंकों के साथ दो-वर्षीय डिप्लोमा, बी०एड०, विशेष शिक्षा में न्यूनतम 50% अंकों के साथ।
- एम.सी.ए. और तीन वर्षीय एकीकृत मी० एड० में न्यूनतम 55% अंकों या समकक्ष ग्रेड के साथ।
- बी.सी.ए. और प्रारंभिक शिक्षा में दो-वर्षीय डिप्लोमा के लिए 50% या उससे अधिक अंक चाहिए।
- बी०एड० या विशेष शिक्षा में 50% अंकों के साथ आवेदन किया जा सकता है।
- एम.सी.ए. और एम० एड० के लिए 55% या उससे अधिक अंक या समकक्ष ग्रेड आवश्यक हैं।
- बी.सी.ए. और दो-वर्षीय डिप्लोमा के लिए 50% अंकों के साथ पात्रता होनी चाहिए।
- बी०एड० या विशेष शिक्षा में 50% या उससे अधिक अंक चाहिए आवेदन के लिए।
- एम.सी.ए. और तीन वर्षीय एकीकृत मी० एड० में 55% अंकों या उससे अधिक की आवश्यकता है।
- बी.सी.ए. और प्रारंभिक शिक्षा में दो-वर्षीय डिप्लोमा के लिए 50% अंकों की आवश्यकता है।
- एम.सी.ए. और एम० एड० में 55% या उससे अधिक अंक या समकक्ष ग्रेड होना आवश्यक है।
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या
- राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (मान्यता मानदंड तथा क्रियाविधि विनियम, 2014) के अनुसार, इंजीनियरिंग से स्नातक की डिग्री के लिए विशेषज्ञता होनी चाहिए।
- बी.एड. और B.Sc. (Bio-Technology) व B.Sc. (Electronics) के लिए भी मानक निर्धारित हैं, जैसा कि विधियों में कहा गया है।
- यह निर्धारित करना आवश्यक है कि स्नातक के छात्र का विषय विज्ञान और गणित हो।
BIHAR PUBLIC SERVICE COMMISSION BPSC
(ii) वर्ग 6-8 के भाषा विषय के विद्यालय अध्यापक के लिए स्नातक स्तर पर प्रतिष्ठा (Hons.) / आनुषांगिक (Subsidiary) विषय के रूप में संबंधित भाषा विषय पठित हो यथा-संस्कृत भाषा के शिक्षक (संस्कृत में स्नातक / शास्त्री की उपाधि उर्दू शिक्षक के लिए आलिम की उपाधि अथवा उर्दू में स्नातक)
(iii) वर्ग 6-8 के सामाजिक विज्ञान विषय के विद्यालय अध्यापक के लिए स्नातक स्तर पर इतिहास, भूगोल, राजनीतिशास्त्र, दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र, वाणिज्य मनोविज्ञान, समाज शास्त्र गृह विज्ञान में से कोई दो विषय स्नातक स्तर पर पठित हो
- विषय: वर्ग 6-8 के गणित एवं विज्ञान के स्नातक स्तर पर अध्ययन।
- गणित एवं विज्ञान: भौतिकी, रसायन, जीव विज्ञान में से दो विषयों का अध्ययन करें।
- शिक्षा शास्त्र: डिप्लोमा और बी.एड. के लिए आरसीआई मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों को ही मान्यता दी जाएगी।
- भारतीय पुनर्वास परिषद्: केवल इसके द्वारा मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों को चयन करें।
- स्नातक स्तर: 6-8 के विद्यार्थियों के लिए गणित और विज्ञान में अध्ययन का स्तर तय करें।
- गणित सांख्यिकी: गणना और सांख्यिकी के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें।
- भौतिकी: प्राकृतिक विज्ञान के सिद्धांतों पर अध्ययन करें।
- रसायन: रासायनिक प्रक्रियाओं और तत्वों की समझ में विशेषज्ञता प्राप्त करें।
- जीव विज्ञान: वनस्पति विज्ञान या जन्तु विज्ञान में अध्ययन करें।
- मान्यता प्राप्त: शिक्षा शास्त्र में डिप्लोमा और बी.एड. के लिए केवल आरसीआई के पाठ्यक्रमों को मान्यता दें।
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पाठ्यक्रम शिक्षा परिषद् द्वारा मान्य BPSC
- BPSC : योग्य अभ्यर्थियों को चयन के बाद, उन्हें राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् द्वारा मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम मिलेगा।
- नियुक्ति के पश्चात, प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में आवश्यक कौशलों का विकास होगा।
- राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् द्वारा स्वीकृत पाठ्यक्रम से शिक्षकों को विशेषज्ञता प्राप्त होगी।
- प्रशिक्षण के लिए योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षा क्षेत्र में नियुक्ति मिलेगी।
- इस प्रक्रिया से शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार होगा और उन्हें विशेषज्ञता प्राप्त होगी।
- मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम से शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण तकनीकों का ज्ञान होगा।
- प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में समर्पित पाठ्यक्रम से शिक्षकों का पेशेवर विकास होगा।
- यह प्रक्रिया शिक्षा क्षेत्र में योग्यता और मानकों को बढ़ावा देगी।
- शिक्षकों को इस प्रशिक्षण से सामाजिक और मानवीय संबंध बनाने का कौशल होगा।
- राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् के मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम से शिक्षकों को सुविधाजनक शिक्षा प्रदान होगी।
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शिक्षक नियुक्ति परीक्षा BPSC
- योग्यता प्राप्त अभ्यर्थियों को प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् द्वारा मान्यता प्राप्त 6 माह का विशेष प्रशिक्षण करना होगा।
- नियुक्ति के बाद, अध्यापक को इस प्रशिक्षण के लिए 6 महीने का सवैतनिक अवकाश मिलेगा।
- यह प्रशिक्षण संबंधित विद्यालय अध्यापकों के लिए अनिवार्य है।
- अभ्यर्थियों को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् द्वारा मान्यता प्राप्त होने पर ही इस प्रशिक्षण को प्राप्त करने का अधिकार होगा।
- शिक्षा परिषद् के निर्दिष्ट मानकों के अनुसार, यह प्रशिक्षण आवश्यक है।
- अध्यापक को इस प्रशिक्षण से गुजरकर अपनी शिक्षाओं को सुधारने का सुनहरा अवसर मिलेगा।
- यह प्रशिक्षण उन्हें शिक्षा क्षेत्र में नवीनता और कौशल में सुधार करने का अवसर देगा।
- सवैतनिक अवकाश के दौरान, अध्यापक को समृद्धि की दिशा में कार्य करने का भी समय मिलेगा।
- इस प्रशिक्षण से उन्हें शिक्षा संस्थानों के मानकों का पूरा सार्थक ज्ञान होगा।
- शिक्षा परिषद् इस प्रशिक्षण को शिक्षा क्षेत्र में उच्चतम गुणवत्ता की सुनिश्चित करने के लिए आयोजित करती है।
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