PM Awas Yojana: गिरिराज सिंह ने लोकसभा में अपने भाषण में इशारा किया है कि उनके अनुसार शहरी क्षेत्रों में जमीन और अन्य संदर्भों के मद्देनजर ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक वित्त निर्धारित किया गया है। उनका कहना है कि वर्तमान में इस अंतर को सुलझाने के लिए सरकार की तरफ से कोई योजना नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के अंतर्गत प्रति आवास योजना में दी जाने वाली राशि की विभिन्न श्रेणियों में अंतर को पाटने की सरकारी योजना अभी तक अनुसंधान की जा रही है। केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि वर्तमान में, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रति इकाई आवास पर दी जाने वाली राशि में अंतर को पाटने के लिए कोई नई योजना तय नहीं हुई है।
शिवसेना के सांसद कृपाल बालाजी तुमाने एक पूरक प्रश्न के माध्यम से यह प्रश्न किया था, और उसका जवाब देते हुए, मंत्री ने इस अंतर के बारे में जानकारी साझा की।
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ग्रामीण इलाकों के लिए बढ़ाई गई थी राशि
- सिंह ने बताया कि 2016 से पहले इंदिरा आवास योजना में ग्रामीण इलाकों के लिए आवास की लागत 70 हजार रुपये थे।
- उनकी सरकार ने इसे बढ़ाकर 1.40 लाख रुपये किया है।
- शहरी इलाकों के लिए यह राशि 2.5 लाख रुपये है।
- सिंह ने जताया कि ग्रामीण इलाकों में ज़मीन और परिस्थितियों के मद्देनजर योजना में अंतर है।
- उनके अनुसार, इस अंतर को पाटने के लिए सरकार द्वारा कोई योजना नहीं है।
- इंदिरा आवास योजना के तहत ग्रामीण इलाकों के लिए धन की कमी हो रही है।
- सिंह ने कहा कि शहरी इलाकों में अधिक धन की आवश्यकता नहीं है।
- उन्होंने सरकार से दोनों के बीच योजना की सामंजस्यपूर्णता की मांग की है।
- शहरी और ग्रामीण इलाकों के बीच वित्तीय असमानता को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
- सिंह ने यह भी कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए और समाधान तय करना चाहिए।
वंचितों को फिलहाल नहीं मिलेगा मौका
- भारतीय जनता पार्टी के सांसद जुगल किशोर शर्मा ने पूछा कि ‘आवास प्लस’ से वंचित जरूरतमंदों के लिए समय-सीमा बढ़ाने की योजना है या नहीं?
- पंचायती राज राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने बताया कि गड़बड़ी के कारण आवास योजना में शामिल होने से वंचित रह गए हैं।
- उन्होंने कहा कि आवास योजना के लिए फिलहाल समय-सीमा बढ़ाने की कोई योजना नहीं है गड़बड़ी की वजह से।
- साध्वी निरंजन ज्योति ने बताया कि सरकार पहले के लक्ष्यों को पूरा करने पर ध्यान दे रही है।
- जरूरतमंदों के लिए आवास प्रोजेक्ट ‘आवास प्लस’ के तहत समय-सीमा बढ़ाने की आवश्यकता है जो गड़बड़ी से प्रभावित हुए हैं।
- उनके अनुसार, राज्य सरकारों की गड़बड़ी ने आवास योजना को ठीक से लागू करने में रुकावट डाली है।
- सांसद ने पूछा कि क्या फिलहाल कोई योजना है जो इस समय-सीमा में वृद्धि करेगी ताकि शामिल होने से वंचित रहे जरूरतमंदों को मदद मिले?
- साध्वी निरंजन ज्योति ने उच्च स्तर पर ध्यान देने का आश्वासन दिया और सरकार के लक्ष्यों को पूरा करने का कहा।
- उनके अनुसार, सरकार गड़बड़ी को सुधारने पर काम कर रही है ताकि आवास योजना सही ढंग से लागू हो सके।
- साध्वी निरंजन ज्योति ने जरूरतमंदों के लिए आवास सुनिश्चित करने के लिए समर्थन की आवश्यकता को महत्वपूर्ण माना।
क्या है पीएम आवास योजना?
- 25 जून, 2015 को इस योजना का शुभारंभ हुआ था।
- आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय (MoHUA) इसे संचालित करता है।
- प्रधानमंत्री आवास योजना गरीब और बेघर लोगों के लिए है।
- लक्ष्य है गरीबों को सुविधाजनक आवास पहुंचाना।
- यह शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग होता है।
- पीएम आवास योजना ग्रामीण सूची में नाम शामिल होने पर सहायता राशि प्रदान की जाती है।
- इसमें लाभार्थियों को अपना घर बनवाने के लिए सहायता मिलती है।
- योजना से ग्रामीण क्षेत्र में आवास सुधार हो रहा है।
- गरीब परिवारों को उच्चाधिकारिक स्वामित्व का अधिकार मिलता है।
- यह सरकार का प्रयास है सभी को गरीबी से मुक्ति प्रदान करना।
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