झारखंड में मंइयां सम्मान योजना की सफलता ने महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक नई प्रेरणा दी है। इसी से प्रभावित होकर, बिहार सरकार भी आगामी विधानसभा चुनावों से पहले महिलाओं के लिए ऐसी योजना लाने पर विचार कर रही है। इस लेख में हम झारखंड में इस योजना की सफलता और बिहार में इसके संभावित क्रियान्वयन पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
Maiyan Samman Yojana: 11 दिसंबर को महिलाओं के खातों में आएंगे 2500 रुपये
मंइयां सम्मान योजना: झारखंड का सफल मॉडल
झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने महिलाओं के बैंक खातों में प्रतिमाह ₹2500 जमा करने की योजना शुरू की। यह योजना विधानसभा चुनाव के दौरान महिलाओं के बड़े समर्थन का कारण बनी। झामुमो गठबंधन ने 81 विधानसभा सीटों में से 52 सीटों पर जीत दर्ज की, जिसमें महिलाओं की अहम भूमिका रही।
योजना की शुरुआत में 21 से 50 वर्ष की महिलाओं को इसका लाभ मिलता था, लेकिन बाद में न्यूनतम आयु घटाकर 18 वर्ष कर दी गई। दिसंबर 2024 तक इस योजना के तहत लगभग 54 लाख महिलाओं को हर माह ₹2500 की धनराशि सीधे उनके खातों में जमा की जा रही है।
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बिहार में मंइयां सम्मान योजना पर विचार
बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। झारखंड में मंइयां सम्मान योजना की सफलता से बिहार की सरकार भी प्रेरित हुई है। बताया जा रहा है कि सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड और भाजपा गठबंधन ने इस मॉडल का गहराई से अध्ययन शुरू कर दिया है। संभावना है कि बिहार में महिलाओं को सशक्त बनाने और चुनावी लाभ प्राप्त करने के लिए ऐसी ही योजना की घोषणा जल्द की जाएगी।
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बिहार सरकार के अधिकारियों ने झारखंड सरकार के अधिकारियों से संपर्क कर योजना की रूपरेखा को समझने की कोशिश की है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना और उनके जीवन स्तर में सुधार करना है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया और घोषणाएं
बिहार में मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी मंइयां सम्मान योजना की तर्ज पर अपनी योजना का ऐलान कर दिया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने घोषणा की है कि यदि उनकी सरकार सत्ता में आती है, तो ‘माई-बहिन सम्मान योजना’ के तहत महिलाओं को हर माह ₹2500 दिए जाएंगे। इस घोषणा ने महिला मतदाताओं को आकर्षित करने में विपक्ष की रणनीति को और मजबूत किया है।
क्या कहती है राजनीति?
झारखंड के विधानसभा चुनावों ने यह साबित किया कि सामाजिक कल्याण योजनाएं चुनावी समीकरणों को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। बिहार में भी सत्तारूढ़ और विपक्षी दल इस तथ्य को भली-भांति समझते हैं। झारखंड में भाजपा ने सत्ता में आने पर ‘गोगो दीदी योजना’ के तहत ₹2100 देने की घोषणा की थी, लेकिन चुनाव में उन्हें इसका लाभ नहीं मिला। अब बिहार में इसी तरह की योजनाओं को लेकर राजनीतिक प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है।
महिलाओं के लिए एक नई उम्मीद
बिहार में मंइयां सम्मान योजना जैसी किसी भी पहल से महिलाओं को न केवल वित्तीय सहायता मिलेगी, बल्कि उनके आत्मनिर्भर बनने की प्रक्रिया को भी बढ़ावा मिलेगा। यह योजना ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं की सामाजिक स्थिति को सुधारने का एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
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निष्कर्ष
मंइयां सम्मान योजना ने झारखंड में महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता दी और एक सकारात्मक राजनीतिक परिणाम भी दिया। बिहार में इस योजना के संभावित क्रियान्वयन से महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक और कदम उठाया जा सकता है। आने वाले समय में बिहार सरकार और विपक्षी दलों की घोषणाएं तय करेंगी कि इस योजना को किस हद तक लागू किया जा सकता है।