नए साल पर बड़ी खुशखबरी पाने के लिए तैयार हो जाए सभी सरकारी कर्मचारी, क्योंकि अब आपकी सैलरी में अच्छा खासा इजाफा होने वाला है। सभी केंद्रीय कर्मचारियों की तनख्वा में पुर 9000 की बढ़त होने वाली है।
सरकाई कर्मचारियों के लिए यह साल काफी अच्छा रहा है। साल की शुरुआत में कुछ समय के लिए ऐसा लग रहा था कि उनकी कोई भी मांगे सरकार द्वारा पूरी नहीं की जाएगी और ना उनका महंगाई भत्ता बढ़ाया जाएगा और ना ही सरकार इस पर कोई सुनवाई करेगी लेकिन साल के बीच में ही सरकारी कर्मचारियों के लिए एक के बाद एक खुशी की खबर आने लगी।
सभी सरकारी कर्मचारी लंबे समय से फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने की गुहार सरकार से कर रहे थे ऐसा लगता है कि अब वह पूरी होने वाली है। केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में पूरे 9000 का इजाफा हो सकता है।
यह कर्मचारियों के लिए काफी बड़ी खुशी की खबर होने वाली है। वैसे भी यह साल सरकारी कर्मचारियों के लिए काफी खुशियों भरा रहा है। यहां तक कि अब अगले साल में भी उन्हें कई फायदे मिलने वाले हैं।
हालांकि शुरुआत में कर्मचारियों की सभी मांगों पर सरकार द्वारा कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही थी।
अभी कुछ दिनों पहले ही सभी कर्मचारियों द्वारा लंबे समय से महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की मांग को आखिरकार सरकार ने मान लिया और उनका महंगाई भत्ता 38% कर दिया गया। पहले यह महंगाई भत्ता 34% था जिसमें पूरे 4% की बढ़ोतरी की गई।
इसके बाद कर्मचारियों को जो सिटी अलाउंस यानी कि नगर प्रतिपूर्ति भत्ता मिलता है। इसमें भी सरकार की तरफ से बढ़ोतरी की गई। जो कर्मचारी शहरों में रहकर काम करते हैं उनके जो खर्च होते हैं,
उसके लिए सरकार द्वारा उन्हें सिटी अलाउंस मिलता है। जैसे कि वह जो किराए के मकान में रहते हैं। उसका रेंट और शहर में रहने में उन्हें जितने भी खर्च उठाने पड़ते हैं उसका रेंट।
इन्हीं सब चीजों के लिए कर्मचारियों को सिटी अलाउंस दिया जाता है।
इन दो बड़े फायदों के बाद उन्हें ट्रैवल एलाउंस भी दिया गया। ये अलाउंस अलग-अलग स्तर में कार्यरत कर्मचारियों के लिए अलग-अलग होता है।
कब हुई थी पिछली बार फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी?
पिछली बार 2016 में फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी हुई थी और इसके साथ ही इसी वर्ष में सातवां वेतन आयोग भी लागू किया गया था।
इसके लागू होने के साथ ही सरकारी कर्मचारियों की जो न्यूनतम आय थी वह सीधे 6000 से बढ़ाकर 18000 कर दी गई थी।
इसके अलावा जो उच्चतम स्तर के कर्मचारी थे उनकी आय 90 हजार से बढ़ाकर पूरे 250000 कर दी गई थी।
केंद्र सरकार के जितने भी कर्मचारी हैं उनमें 5200000 कर्मचारियों की वेतन में इजाफा होने वाला है क्योंकि फिटमेंट फैक्टर बढ़ने वाला है जो पूरे 9000 का होगा।
आने वाले वर्ष में 1 फरवरी को जब सरकार द्वारा बजट पास किया जाएगा तो इसी दौरान सरकारी कर्मचारियों के फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने का फैसला होने वाला है।
कर्मचारियों का वेतन बढ़ना फिटमेंट फैक्टर पर ही निर्भर करता है यदि फिटमेंट फैक्टर नहीं बढ़ा तो कर्मचारियों का वेतन भी नहीं बढ़ेगा।
वर्तमान समय की यदि बात की जाए तो कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर अभी के समय में 2. 57 है जिसे कर्मचारियों द्वारा 3.68 तक बढ़ाने की मांग की जा रही है।
चलिए जानते हैं कि यदि फिटमेंट फैक्टर 2.57 से बढ़कर यदि 3.68 हो गया तो मिनिमम बेसिक आय में कितना इजाफा होगा। यदि मिनिमम बेसिक आय 18000 है तो इस बढ़ोतरी के बाद यह 26000 हो जाएगी।
दूसरी खुशी की खबर भी जल्द मिल सकती है।
सरकार द्वारा फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों के लिए पुराने पेंशन को भी शुरू करने की योजना बनाई जा रही है। यह खबर सभी कर्मचारियों के लिए काफी राहत भरी और ख़ुशी की होगी।
नई पेंशन योजना के मुकाबले अगर देखा जाए तो पुरानी पेंशन योजना हर तरह से फायदेमंद है इसीलिए सभी सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना की भी मांग कर रहे हैं।
वैसे तो कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है लेकिन अभी भी कई राज्य हैं जहां सरकारी कर्मचारियों को अभी तक नई पेंशन योजना के अनुसार हीं उनकी पेंशन मिल रही है।
चलिए जानते हैं कि आखिर पुरानी पेंशन योजना नई पेंशन योजना के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद क्यों है?
पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी के रिटायर होने से पहले जो आखरी वेतन होता था उसकी पेंशन उसी पर निर्धारित होती थी। उनके वेतन का 50% उन्हें उनकी पेंशन के रूप में दिया जाता था जिसमें पूरे पैसे सरकार की तरफ से दिए जाते थे, लेकिन नई पेंशन योजना में ऐसा नहीं है।
नई पेंशन योजना में कर्मचारी के वेतन से 10% हिस्सा लिया जाता है और सरकार अपनी तरफ से 14% हिस्सा देती है। इन दोनों राशियों को मिलाकर एक सुरक्षित जगह यानी पीआरडीए में जमा किया जाता है।
इस पेंशन के लिए पहला तो कर्मचारी को अपने वेतन से भी 10% जमा करना होता है और दूसरा उसको अपने उस पेंशन की जमा राशि के लिए टैक्स भी देना पड़ता है और मानिए कि यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु उनके कार्यकाल में ही हो जाती है तो,
उनके परिवार को सरकार की तरफ से जो फैमिली पेंशन मिलता है वह तो मिलेगा ही लेकिन जो राशि कर्मचारी के वेतन से पेंशन के लिए काटे जाते हैं उस पर सरकार अपना आधिपत्य जमा लेती है।
इस तरह से समझे तो नई पेंशन योजना में कर्मचारियों को किसी भी तरह का कोई फायदा नहीं है।यही कारण है कि कर्मचारी लगातार पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने के लिए जोर लगा रहे हैं।
जगह-जगह पर कर्मचारियों द्वारा प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं जिससे सरकार उनकी मांग को जल्द से जल्द पूरा करें।
कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना लागू
ऐसे कई राज्य हैं जहां पर पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है जिसकी वजह से बाकी राज्यों के कर्मचारियों को भी आशा की एक किरण नजर आई है कि बाकी राज्यों में भी जल्द से जल्द इसको लागू कर दिया जाएगा।
झारखंड की सरकार, पंजाब की सरकार इसके अलावा राजस्थान की सरकार ने भी अपने राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया है। सरकार के लिए गए इस फैसले से इस राज्य के कर्मचारी काफी खुश है।
कब आया था पुरानी पेंशन योजना में बदलाव
जब पुरानी पेंशन योजना लागू थी तब कर्मचारियों को अपने सेवा से निवृत्त होने के बाद भी किसी भी प्रकार की कोई भी दिक्कत नहीं होती थी ।
उन्हें पेंशन के रूप में जो राशि मिलती थी उससे वे बड़े ही आराम से अपना जीवन व्यतीत कर पाते थे लेकिन जब पुरानी पेंशन योजना में 2004 में सरकार द्वारा बदलाव किया गया उसके बाद लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
जैसे-जैसे महंगाई अपने पैर पसारने लगी। वैसे वैसे यह दिक्कत और भी बढ़ने लगी। कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
पेंशन की जो राशि उन्हें मिल रही थी उसमें अब अपना गुजारा कर पाना मुश्किल हो रहा था। इसीलिए लगातार कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग कर रहे हैं।
कुछ राज्यों में तो सरकार ने इस योजना को लागू कर दिया है। अब देखते हैं कि बाकी राज्य हो में कब तक किस योजना को लागू किया जाता है।
निष्कर्ष
आज के अपने अनुच्छेद में हमने सरकार द्वारा फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने की जानकारी दी। इसके साथ ही आपको पुरानी पेंशन योजना के लागू होने के बारे में भी बताया।
उम्मीद है कि आपको हमारा आज का अनुछेद पसंद आया होगा। हमारे अनुच्छेद को अंत तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!