Chandrayaan 3: 23 अगस्त को बनेगा एक नया इतिहास, भारत समेत 2 देशों के चंद्रयान एक साथ चंद्रमा पर करेंगे लैंड

Chandrayaan 3 Latest News: 23 अगस्त को इस बार विश्व में एक नया महत्वपूर्ण घटना घटने वाली है। इस दिन, दुनिया भर के लोगों के लिए एक यादगार पल बनने वाला है, क्योंकि भारत सहित दो देश एक साथ अंतरिक्ष में कदम रखने वाले हैं, और यह उनके लिए अद्वितीय समर्पण का प्रतीक होगा। उनका लक्ष्य है कि वे चंद्रमा के दक्षिणी छोर पर सफलतापूर्वक लैंड करें।

Russia Moon Mission Latest News: इस वर्ष, 23 अगस्त का दिन विशेष रहने वाला है, क्योंकि इस दिन दुनिया में एक महत्वपूर्ण घटना घटने वाली है। इस तारीख को, पहली बार दो देशों द्वारा अंतरिक्ष यान को मिलकर चंद्रमा के दक्षिणी भाग पर लैंड करने की योजना है। इस दक्षिणी छोर पर अब तक किसी भी देश का अंतरिक्ष यान पहुंचा नहीं है, और यह उपलब्धि भारत और रूस दोनों के लिए होने जा रही है।

पिछले वर्ष, भारत ने चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान भेजने का प्रयास किया था, लेकिन उस समय सफलता नहीं मिली थी। लेकिन अब भारत और रूस इस साझा मिशन के माध्यम से चंद्रमा के दक्षिणी भाग में यान लाने का प्रयास करेंगे।

यह साझा मिशन दोनों देशों के लिए गर्व की बात है, और यह विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से, हम चंद्रमा के रहस्यों को और भी गहराई से जान सकते हैं और अंतरिक्ष अनुसंधान में नए उद्यमों की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।

रूस आज चंद्रमा पर भेजेगा अंतरिक्ष यान

सुचना के अनुसार, रूस आज चंद्रमा के प्रति अपनी पहली अंतरिक्ष मिशन को लगभग 50 वर्षों के बाद आज शुक्रवार को शुरू करेगा। इस अवधि में, उन्होंने 1976 के बाद तक चंद्रमा पर कोई यात्रा नहीं की थी। उनका नया मिशन, ‘लूना-25’, आज चंद्रमा की ओर अग्रसर होगा।

इस उद्यान में, उन्होंने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की सहायता के बिना काम किया है। उन्होंने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के पश्चात्ताप के बाद, मॉस्को के साथ अपने सहयोग को समाप्त कर दिया है।

23 अगस्त 2023 को बनेगा एक नया इतिहास

सूचना के अनुसार, रूसी अंतरिक्ष यान की अनुमानित आगामी 23 अगस्त को चंद्रमा तक पहुंचने की तैयारियाँ हो रही हैं. यही दिन चुना गया है, जब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को चंद्रमा की सतह पर उतारने की आशा है। दोनों देशों ने अपने अंतरिक्ष यानों को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सुरक्षित रूप से उतारने का मिशन बनाया है।

इस मामूल चरण में, किसी भी राष्ट्र ने अब तक अपने अंतरिक्ष यान को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफलता प्राप्त नहीं की है. चंद्रमा पर सफलतापूर्वक पहुंचने वाले तीन महत्वपूर्ण देश – अमेरिका, पूर्वी सोवियत संघ और चीन – ने सभी चंद्रमा के उत्तरी ध्रुव पर ही सुरक्षित लैंडिंग करने की क्षमता प्रदर्शित की है।

पिछली बार सुरक्षित लैंडिंग नहीं करवा पाया था भारत

भारत ने पिछले वर्ष अपने चंद्रयान-2 मिशन के माध्यम से अपनी अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत की थी, लेकिन दुखद तौर पर उसकी सॉफ्ट लैंडिंग का परिणाम साक्षात्कार नहीं था, क्योंकि उसका लैंडर क्रैश हो गया था। इसके बाद, भारत ने पुराने अंतरिक्ष यान की दोषों को ठीक करने के उद्देश्य से एक नया अंतरिक्ष यान भेजा है, जिसके माध्यम से उन्होंने चंद्रमा की दिशा में पुनः प्रयास किया है।

इस नए मिशन की सफलता की उम्मीद है, और 23 अगस्त को इसका चंद्रमा के दक्षिणी भाग पर सॉफ्ट लैंडिंग होने की संभावना है। यदि यह प्रयास सफल होता है, तो भारत उन देशों की पंक्ति में शामिल हो जाएगा जिन्होंने अपने अंतरिक्ष यानों को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक भेजने में सफलता प्राप्त की है।

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