MANREGA में काम करने वालों की बल्ले-बल्ले, अब मिलेगी यह सुविधा

MANREGA: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत, श्रमिकों को उनके काम के खातिर भुगतान करने के लिए आधारित एक विशेष तंत्र को लागू करने का निर्णय लिया गया है, जिसकी समयसीमा 31 अगस्त से आगे बढ़ा दी गई है। इस प्रयास का मुख्य उद्देश्य देश के श्रमिकों को सुरक्षितता और आत्मनिर्भरता के साथ रोजगार प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत, ग्रामीण क्षेत्रों में नौकरी की दरकार रखने वाले लोगों को सरकारी सहायता प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। यह तंत्र उनके खाते में सीधे पैसे जमा करेगा, जो उनके श्रमिकता के आधार पर होंगे। यह स्कीम उन लोगों के लिए बड़ी सहायता सिद्ध हो सकती है जो गांवों में अपने परिवारों का पालन-पोषण करते हैं और उन्हें सुरक्षित रोज़गार की आवश्यकता होती है।

इन स्कीमों के माध्यम से, सरकार विभिन्न तरीकों से देश के नागरिकों की मदद कर रही है, ताकि वे अपने जीवन को बेहतर बना सकें। यह सरकारी पहल प्रागतिकता और समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती से करने में मदद करेगा। इसके साथ ही रोजगार के लिए भी सरकार की तरफ से काफी तरह के काम किए जा रहे हैं। इनमें से एक स्कीम मनरेगा की भी है। इस स्कीम के द्वारा गरीब लोगों को लाभ मिल रहा है। वहीं अब मनरेगा को लेकर काफी जरुरी अपडेट दिया गया है। चलिए इसके बारे में डिटेल से जानते हैं।

मनरेगा (MANREGA)में काम करने वालों के लिए खुशखबरी

गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम के तहत श्रमिकों को भुगतान के लिए एकमात्र तरीका आधार बेस्ड पेमेंट सिस्टम को लागू करने की आवश्यकता है, इसकी खबर है। इसके अनुसार, इस सिस्टम को लागू करने का निर्णय लिया गया है और यह आवश्यक कदम 31 अगस्त के बाद भी आगे बढ़ा दिया गया है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इस वर्ष जनवरी में, मनरेगा के तहत पंजीकृत व्यक्तियों को मजदूरी का भुगतान करने के लिए आधार आधारित पेमेंट सिस्टम का उपयोग करने का निर्णय लिया गया था।

मनरेगा (MANREGA) में कितने हैं एक्टिव लोग

  • पहले 1 फरवरी तक, एबीपीएस को अपनाने की आवश्यकता की सीमा लगाई गई थी।
  • बाद में, समय सीमा 31 मार्च तक विस्तारित हुई और फिर 30 जून तक बढ़ाई गई।
  • आखिरकार, 31 अगस्त तक समय सीमा को बढ़ा दिया गया है।
  • नए सूत्रों के अनुसार, 31 अगस्त के बाद भी समय सीमा को विस्तारित किया जा सकता है।
  • जून महीने में मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, 13.75 करोड़ लाभार्थियों को आधार संख्या के आधार पर शामिल किया गया।
  • कुल 14.28 करोड़ सक्रिय लाभार्थियों में से यह मानक निर्धारण किया गया है।

मनरेगा के लिए इतने शिविरों का किया गया आयोजन

  • वर्तमान में लगभग 12.17 करोड़ आधार नंबरों की प्रमाणिति हो चुकी है।
  • करीब 77.81 प्रतिशत आधार नंबरों को ABPS के लिए प्रयुक्त किया गया है।
  • मई माह में, ABPS ने मनरेगा के तहत 88 प्रतिशत आधार नंबरों का पुनरावलोकन किया।
  • मंत्रालय अधिकारी आगामी दिनों में राज्यों के लिए 100 फीसदी ABPS अपनाने की सलाह दे रहे हैं।
  • राज्य के नागरिकों को ABPS के बारे में जागरूक करने के लिए शिविर आयोजित किए जाएंगे।
  • शिविरों में नागरिकों को ABPS के लाभों की समय-समय पर सूचना दी जाएगी।
  • योजना का उद्देश्य नागरिकों को एबीपीएस का उपयोग कर वित्तीय लेन-देन को सरलता से प्रबंधित करना है।

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