UP Board : यूपी बोर्ड की परीक्षाएं खत्म, तीस साल में पहली बार नहीं हुई पुनर्परीक्षा

जैसा की आप सबको मालूम होगा उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के द्वारा यूपी बोर्ड की परीक्षा को शुरू कर दिया गया है। 16 फरवरी से 3 मार्च तक चलने वाली इस परीक्षा में सुरक्षा जांचने के लिए जिला विद्यालय की तरफ से निरीक्षक टीम बनाकर अलग-अलग समय पर अलग-अलग स्कूल में छापेमारी की जा रही है।

बोर्ड परीक्षा हर विद्यार्थी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी कड़ी मेहनत करता है,

मगर कुछ असामाजिक तत्वों के कारण पेपर लीक और चीटिंग जैसी समस्या बढ़ जाती है और इससे विद्यार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

यही कारण है कि उत्तर प्रदेश बोर्ड को भारत के कुछ सबसे असफल बोर्ड में से एक माना जाता है और वहां से पढ़ बच्चों को काफी कम मान्यता दी जा रही है।

बहराल वर्तमान समय में पिछले सालों से सबक लेकर सरकार पेपर लीक और चीटिंग की वारदात को कम करने के लिए कड़े फैसले ले रही है।

बीते कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश के अलग-अलग स्कूल में अचानक छापेमारी से बहुत कुछ सामने आया है।

अगर आप उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के द्वारा किए गए छापेमारी के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए निर्देशों को पढ़ना आवश्यक है।

UP Board Exam 2023

भारत के अलग-अलग प्रमुख शिक्षा परिषदों के द्वारा बोर्ड परीक्षा का आयोजन किया गया है।

उनमें उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद भी एक है जिसने 16 फरवरी से 3 मार्च तक हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा का संचालन किया है।

पिछले साल में यूपी बोर्ड के विद्यार्थियों के द्वारा बड़ी मात्रा पर पेपर लीक और चीटिंग की वारदात को अंजाम दिया गया था।

सरकार ने पिछले साल से सबक लेकर इस साल सभी मुख्य और वरिष्ठ अधिकारियों को पेपर लीक और चीटिंग जैसी वारदात पर कड़ी निगरानी रखने को कहा है।

इसी प्रक्रिया में आगे बढ़ते हुए जिला विद्यालय परिषद के अंतर्गत बहुत सारे शिक्षकों की टीम ने अलग-अलग स्कूल में छापा मारने का काम किया है। कुछ जगहों पर रात में छापेमारी की गई है तो कुछ जगहों पर परीक्षा के वक्त छापेमारी की गई है।

अचानक हुई इस छापेमारी से बहुत सारे असामाजिक तत्वों को रंगे हाथ पकड़ा गया है। सरकार उन पर कड़े एक्शन लेने वाली है।

छापेमारी में चीटिंग की कुछ वारदात को रोका गया है और परीक्षा परिषद को सही तरीके से परीक्षा योग्य बनाया गया है।

यूपी बोर्ड परीक्षा में सख्ती

आपको बता दें कि जिला शिक्षा परिषद के द्वारा 504 टीमों को तैयार किया गया है। टीम की अलग-अलग टुकड़ी के द्वारा पूरे राज्य में 815 जगह छापेमारी की गई है।

पिछले साल तक के डाटा के मुताबिक जौनपुर लखीमपुर और मिर्जापुर जैसे कुछ जिले चीटिंग की वारदात में सबसे आगे रहते हैं।

सरकार ने उन सभी इलाकों के एसपी डीएम समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को परीक्षा परिषद पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया है।

बीते कई सालों से बोर्ड परीक्षा में ढील दी जा रही थी जिस वजह से उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद का नाम बहुत खराब हुआ है।

इस बार सरकार कड़ी निगरानी रख रही है और यूपी बोर्ड के बच्चों से अनुरोध किया गया है कि किसी भी तरह की गलत हरकत ना करें।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में विद्यालय पर रात में छापेमारी भी की गई है।

आमतौर पर पेपर लीक की वारदात रात में होती है इस वजह से रात में शिक्षा परिषद द्वारा गठित टीमों ने अचानक छापेमारी की थी।

अब तक छापेमारी से मिले सफल फायदों के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। सरकार छापेमारी से प्राप्त जानकारी को किसी के साथ साझा नहीं कर रही है और इस पर एक्शन ले रही है।

विद्यार्थियों को यह भी सूचित किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद पर हेल्पलाइन नंबर दिया गया है।

अगर किसी विद्यार्थी को अपने परीक्षा परिषद में चीटिंग या पेपर लीक जैसी किसी प्रकार की वारदात नजर आती है तो वह इसे तुरंत शिक्षा परिषद तक पहुंचाएं और एक सफल परीक्षा आयोजित करने में यूपी बोर्ड की मदद करें।

निष्कर्ष

आज इस लेख में हमने आपको सरल शब्दों में यह समझाने का प्रयास किया है कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के द्वारा किस तरह टीम बनाकर अलग-अलग क्षेत्र में छापेमारी की गई है।

साथ ही इस लेख से आपको यह भी मालूम चला होगा कि यूपी बोर्ड के द्वारा की गई छापेमारी से विद्यार्थियों को किस तरह का लाभ मिला है।

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